परिचय: जब हालात बिगड़ने लगे, तब आया बदलाव का समय
बिहार के कई किसान इन दिनों दूध उत्पादन की गिरावट और पशुओं की कमजोरी से परेशान हैं। चारा समय पर देने के बावजूद, गायों की सेहत गिरती जाती है और दूध की मात्रा भी घटती जाती है। यही कहानी थी मुजफ्फरपुर के किसान विनोद पासवान की, जिनकी गायें पहले रोज़ 10 लीटर दूध देती थीं, लेकिन अब मुश्किल से 5 लीटर।
एक दिन उन्होंने सोच लिया — अब और नहीं। बदलाव ज़रूरी है।
1. समस्या की पहचान: गायें क्यों हो रही थीं कमजोर?
विनोद जी ने पाया कि:
- गायों की भूख कम हो गई थी
- पाचन शक्ति कमजोर हो रही थी
- दूध पतला हो रहा था और मात्रा कम थी
- थन में सूजन जैसी समस्याएं भी दिखने लगी थीं
उन्होंने पशु चिकित्सक से सलाह ली और जाना कि असली समस्या संतुलित पोषण की कमी है।
2. पारंपरिक चारे से नहीं मिल रहा था पूरा पोषण
गायों को भूसा, सूखा घास, और दाना तो मिल रहा था, लेकिन इसमें प्रोटीन, मिनरल्स, और विटामिन्स की कमी थी। इससे पशु कमजोर हो रहे थे और दूध भी घट रहा था।
वैज्ञानिक सलाह:
पशु आहार (फीड) ऐसा होना चाहिए जिसमें शरीर की ऊर्जा, हड्डियों की मजबूती और दूध बनाने की क्षमता को संतुलित रूप से पूरा किया जा सके।
3. फैसला – अब अपनाएंगे संतुलित पशु आहार (फीड)
विनोद जी ने डॉक्टर की सलाह पर बंधन पशु आहार (फीड) देना शुरू किया। यह फीड HITECH NUTRISOL PRIVATE LIMITED द्वारा विकसित किया गया है और बिहार के किसानों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है।
4. बदलाव के परिणाम – मात्र 20 दिनों में दिखा असर
बंधन पशु आहार (फीड) देने के बाद:
- गायों की भूख बढ़ी
- दूध 5 लीटर से बढ़कर 9 लीटर तक पहुंच गया
- दूध का घनत्व और फैट बेहतर हुआ
- गायों की त्वचा चमकदार और सेहतमंद दिखने लगी
विनोद जी कहते हैं:
“मैंने सोचा था ये सब प्रचार की बातें होंगी, लेकिन जब खुद परिणाम देखा, तो विश्वास हो गया – सही पशु आहार (फीड) ही असली इलाज है।”
5. क्यों खास है बंधन पशु आहार (फीड)?
- हर पैक में संतुलित पोषण – प्रोटीन, एनर्जी, फाइबर, मिनरल्स
- स्थानीय मौसम और पशु नस्लों को ध्यान में रखकर तैयार
- डॉक्टरों और पशु पोषण विशेषज्ञों द्वारा प्रमाणित
- किफायती कीमत और पूरे बिहार में उपलब्ध
6. डॉ. पवन कुमार की सलाह
“गायों की कमजोरी और दूध की गिरावट का सीधा कारण उनके आहार की गुणवत्ता है। यदि हर किसान संतुलित और वैज्ञानिक पशु आहार (फीड) अपनाएं, तो 15–20 दिनों में ही फर्क दिखने लगेगा।”
वह सलाह देते हैं कि:
- पशुओं को नियमित रूप से वजन और दूध उत्पादन की निगरानी करें
- हर 6 महीने में एक बार डॉक्टर से स्वास्थ्य जांच कराएं
- केवल प्रमाणित ब्रांड का पशु आहार (फीड) ही उपयोग करें
7. बिहार के अन्य किसानों का अनुभव
✅ समस्तीपुर के राकेश कुमार:
“पहले मेरी भैंसें कमजोर थीं, अब बंधन फीड से रोज़ 3 लीटर ज्यादा दूध देने लगी हैं।”
✅ दरभंगा की मीना देवी:
“अब पशु स्वस्थ हैं, गर्भधारण समय पर हो रहा है और दूध की मात्रा भी बढ़ी है।”
निष्कर्ष: अब नहीं रुकना – सिर्फ आगे बढ़ना है
यदि आप भी बिहार के ऐसे किसान हैं जिनके पशु कमजोर हो रहे हैं और दूध उत्पादन घट गया है, तो अब समय है बदलाव लाने का।
बंधन पशु आहार (फीड) सिर्फ एक फीड नहीं, बल्कि एक समाधान है – आपकी मेहनत का सही प्रतिफल पाने का रास्ता।
अब फैसला आपका है:
- क्या आप भी विनोद जी की तरह जीत हासिल करना चाहते हैं?
- क्या आप अपने पशुओं को स्वस्थ और उत्पादक बनाना चाहते हैं?
तो आज ही अपनाएं बंधन पशु आहार (फीड) और अपने डेयरी व्यवसाय को नई ऊँचाइयों पर ले जाएं।


