पशुपालन में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है — सही ढंग से और सही मात्रा में पशु आहार देना।
अगर हम जानवरों को संतुलित भोजन सही तरीके से खिलाएं तो उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है, उत्पादन बढ़ता है और बीमारियों से भी बचाव होता है। लेकिन अगर लापरवाही बरती जाए तो पशु कमजोर हो सकते हैं, उनका वजन घट सकता है और दूध उत्पादन कम हो सकता है।

आज इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे:
- पशु आहार खिलाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- किस मात्रा में आहार देना चाहिए?
- अगर पशु बंधे हुए हों (बंधन पशु), तो उन्हें कैसे सही तरीके से खिलाना चाहिए?
1. पशु आहार खिलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जब भी पशुओं को खाना खिलाएं, तो कुछ जरूरी सावधानियों का पालन करना बहुत आवश्यक है। आइए जानते हैं:
✔️ 1.1 साफ-सफाई का ध्यान रखें
- पशुओं को हमेशा साफ बर्तन या चारे वाली जगह पर ही भोजन दें।
- सड़ा-गला, फफूंद लगा या गंदा चारा बिल्कुल न दें।
- पानी भी साफ और ताजा होना चाहिए, जिससे पशु बीमार न हों।
✔️ 1.2 संतुलित आहार दें
- केवल सूखा भूसा या केवल हरा चारा न दें। दोनों का संतुलन जरूरी है।
- आहार में प्रोटीन, ऊर्जा, विटामिन और खनिज मिलाकर पूरा पोषण दें।
- जरूरत के अनुसार दाना मिश्रण (Concentrate Feed) भी मिलाएं।
✔️ 1.3 धीरे-धीरे बदलाव करें
- अगर आहार बदलना है, तो एकदम नहीं बदलें।
- पुराने और नए आहार को मिलाकर धीरे-धीरे 7-10 दिन में बदलाव करें, ताकि पशु का पाचन सही रहे।
✔️ 1.4 समय पर आहार दें
- पशुओं को हर दिन एक निश्चित समय पर भोजन देना चाहिए।
- दिन में दो बार (सुबह और शाम) भोजन देना आदर्श होता है।
✔️ 1.5 मात्रा पर ध्यान दें
- जरूरत से ज्यादा आहार भी नुकसानदायक हो सकता है।
- आवश्यकता अनुसार मात्रा निर्धारित करें (नीचे विस्तार से बताया गया है)।
✔️ 1.6 पशु की उम्र, वजन और उत्पादन के हिसाब से आहार दें
- छोटे बछड़े, गर्भवती गायें और दूध देने वाले पशु — सबकी आहार ज़रूरतें अलग-अलग होती हैं।
- हर पशु के लिए आहार योजना बनाएं।
2. पशु आहार कितनी मात्रा में देना चाहिए?
सही मात्रा में भोजन देना पशु के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। न कम, न ज्यादा — बस संतुलित। आइए समझते हैं:
🐄 गाय और भैंस (दूध उत्पादन वाले पशु)
- हरा चारा: शरीर के वजन के अनुसार रोजाना 8-10% तक।
- सूखा चारा: रोजाना 2-3 किलो।
- दाना मिश्रण (Concentrate Feed):
- दूध उत्पादन के अनुसार देना चाहिए।
- प्रति लीटर दूध के लिए लगभग 400 ग्राम दाना देना उपयुक्त है।
उदाहरण:
अगर गाय 10 लीटर दूध देती है, तो उसे 4 किलो दाना देना चाहिए।
🐐 बकरी और भेड़
- हरा चारा: शरीर के वजन का 8-10%।
- दाना मिश्रण: रोजाना 250-500 ग्राम तक, उत्पादन के अनुसार।
🐎 घोड़ा और गधा
- हरा चारा और सूखा चारा दोनों मिलाकर रोजाना वजन का 2-2.5% आहार दें।
- कार्य करने वाले घोड़ों के लिए ऊर्जा वाला आहार (जैसे जौ या मक्का) भी मिलाना चाहिए।
3. बंधन पशु को आहार कैसे खिलाएं?

बंधन पशु वे होते हैं जिन्हें खुला नहीं छोड़ा जाता, जैसे डेयरी फार्म की गायें या शहरों में रहने वाले पशु। इन्हें विशेष तरीके से आहार देना जरूरी है, क्योंकि ये खुद से चारा नहीं ढूंढ सकते।
✔️ 3.1 बंधन पशुओं के लिए आहार का तरीका
- चारा और दाना पशु के नजदीक ऐसी जगह रखें जहाँ वे आसानी से खा सकें।
- भोजन को छोटी-छोटी मात्रा में दिन में 2-3 बार दें, ताकि पेट पर अधिक भार न पड़े।
- पानी की हमेशा उपलब्धता रखें।
- हरे और सूखे चारे को संतुलन में दें।
✔️ 3.2 बंधन पशु के लिए विशेष सावधानियाँ
- बंधन में रहने से पशु का पाचन तंत्र सुस्त हो सकता है, इसलिए हरे चारे के साथ भूसा जरूर दें।
- हल्का व्यायाम कराएं — जैसे हल्का घूमने देना अगर संभव हो।
- बंधन पशुओं के चारे में मिनरल मिक्सचर और नमक जरूर शामिल करें।
4. गलतियां जो नहीं करनी चाहिए
- सड़े या बासी चारे का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
- एकदम नया आहार अचानक शुरू न करें।
- अत्यधिक अनाज (जैसे मक्का, जौ) न दें, इससे अपच और एसिडिटी हो सकती है।
- केवल भूसा खिलाना जानवर को कमजोर कर सकता है।
निष्कर्ष
पशुपालन में सफलता का सबसे बड़ा राज है — सही भोजन, सही मात्रा और सही तरीका।
अगर आप उपरोक्त बातें ध्यान में रखते हैं तो आपके पशु हमेशा स्वस्थ रहेंगे, ज्यादा दूध देंगे और बीमारियां भी कम होंगी।
बंधन पशु को आहार देने में विशेष सावधानी जरूरी है, क्योंकि उन्हें खुद भोजन चुनने का मौका नहीं मिलता। साफ-सफाई, संतुलन और नियमितता — यही स्वस्थ पशुपालन की कुंजी है।
याद रखें:
स्वस्थ पशु = अच्छा उत्पादन = अधिक लाभ