बिहार के कई किसान अभी भी यह सोचते हैं कि जो सस्ता है, वही सही है। लेकिन जब बात दूध देने वाली गाय या भैंस की सेहत की हो, तब यह सोच भारी पड़ सकती है। दूध उत्पादन कम होना, पशु का कमजोर होना और बार-बार बीमार पड़ना — इन सबका कारण गलत या सस्ता पशु आहार (फीड) हो सकता है।
HITECH NUTRISOL PRIVATE LIMITED ने किसानों की इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बंधन पशु आहार (फीड) लॉन्च किया है, जो सुपरफीड के रूप में अपनी जगह बना चुका है।

1. सस्ते फीड का असली नुकसान क्या होता है?
बहुत से किसान बाजार से सस्ता फीड खरीद लेते हैं, जिसमें न तो पौष्टिक तत्व होते हैं और न ही संतुलित प्रोटीन, मिनरल या विटामिन।
- दूध की मात्रा घट जाती है।
- पशु दिन-ब-दिन कमजोर होता है।
- प्रजनन चक्र में देरी आती है।
- संक्रमण और बीमारी की संभावना बढ़ती है।
ये नुकसान धीरे-धीरे पशु को इस स्थिति में पहुँचा देते हैं जहाँ इलाज पर और ज़्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं — यानी “सस्ता सौदा, भारी घाटा!”
2. सुपरफीड क्या है और क्यों है ये फ़ायदेमंद?
सुपरफीड का मतलब होता है – संतुलित, वैज्ञानिक और पोषण से भरपूर पशु आहार (फीड)।
बंधन पशु आहार (फीड) को वैज्ञानिक पशु आहार विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है, जो:
- दूध उत्पादन बढ़ाता है (15–30% तक)
- पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करता है
- गाय/भैंस की सेहत को बनाए रखता है
- प्रजनन क्षमता को सुधरता है
डॉ. पवन कुमार, एम.वी.एस.सी. (पशु आहार विशेषज्ञ), बताते हैं कि “जो किसान नियमित रूप से संतुलित पशु आहार (फीड) देते हैं, उनके पशु 20-25% अधिक दूध देते हैं और लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं।”
3. क्या बंधन पशु आहार (फीड) महंगा है?
नहीं! कई किसान सोचते हैं कि अच्छी क्वालिटी का फीड महंगा होगा — लेकिन हकीकत ये है कि बंधन फीड का खर्च कम और फायदा ज्यादा है।
उदाहरण के लिए:
- सस्ते फीड से रोज़ाना ₹100 का दूध मिलता है
- बंधन फीड से रोज़ाना ₹150–₹170 का दूध
यानि 20 दिन में ही ₹1000–₹1400 अतिरिक्त आमदनी।
4. बिहार के किसानों का अनुभव क्या कहता है?
शेखपुरा, नालंदा और बेगूसराय जैसे जिलों के कई किसान पहले सस्ते फीड से काम चला रहे थे। लेकिन जब दूध गिरा, पशु कमजोर हुए – तब उन्होंने बंधन पशु आहार (फीड) अपनाया।
👉 राकेश यादव, नवादा:
“मेरी गाय दूध देना कम कर दी थी, बंधन फीड देने के बाद 20 दिन में ही 3 लीटर तक बढ़ गया। अब रोज़ का ₹120 ज़्यादा आता है।”
👉 संगीता देवी, समस्तीपुर:
“पहले भैंस को बार-बार बुखार आता था, डॉक्टर ने भी कहा कि कमजोरी है। जब से बंधन फीड दे रही हूँ, तब से दूध भी ज़्यादा और बीमारी भी कम हुई है।”
5. लॉन्ग टर्म में क्या लाभ मिलता है?
A. स्वास्थ्य:
पशु की हड्डियां मजबूत होती हैं, त्वचा चमकदार और शरीर ताकतवर।
B. आर्थिक फायदा:
दूध की बिक्री से सीधा लाभ, इलाज और दवा पर खर्च कम।
C. उत्पादन में निरंतरता:
गाय या भैंस लगातार दूध देती है, कोई बड़ा गैप नहीं आता।
D. नस्ल सुधार:
पोषण मिलने से अगली पीढ़ी भी सेहतमंद होती है।
5. बंधन पशु आहार (फीड) में क्या-क्या होता है?
- प्रोटीन: मांसपेशियों के लिए
- कैल्शियम और फॉस्फोरस: हड्डियों और दूध के लिए
- विटामिन A, D3, E: रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए
- बायपास फैट और एनर्जी सोर्स: अधिक दूध उत्पादन के लिए
- हर्बल सप्लीमेंट्स: आंतरिक साफ-सफाई और पाचन सुधार
निष्कर्ष :सस्ते के चक्कर में अपने पशु की सेहत से समझौता ना करें। आज नहीं तो कल उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
“जैसा आहार, वैसा उत्पादन” – यही नियम पशुपालन का आधार है।
बंधन पशु आहार (फीड) अपनाइए और हर दिन देखिए अपने पशु की तरक्की और दूध की बढ़ती धार।


