बिहार के लाखों किसान आज भी पशुपालन को अपनी आय का एक बड़ा साधन मानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो पशु आहार (फीड) आप अपने पशुओं को खिला रहे हैं, वह वास्तव में पौष्टिक है या नहीं? कई बार सिर्फ दिखने में पशु आहार (फीड), अंदर से पोषणविहीन होता है, जिससे दूध उत्पादन गिरता है और पशु बीमार हो जाते हैं।
इस ब्लॉग में हम बताएंगे 7 ऐसी महत्वपूर्ण बातें, जो हर किसान को पशु आहार (फीड) खरीदने और उपयोग करने से पहले ज़रूर जाननी चाहिए।
1. पशु आहार (फीड) में संतुलित पोषण होना चाहिए
सिर्फ एक या दो पोषक तत्वों से पशु का संपूर्ण विकास नहीं हो सकता। एक पौष्टिक पशु आहार (फीड) में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज (मिनरल्स) और फाइबर का संतुलित मिश्रण होना चाहिए।
अगर इनमें से कोई भी तत्व अनुपस्थित है या निम्न स्तर का है, तो पशु में कमजोरी, दूध की कमी, रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट और थकान जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
2. प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए
प्रोटीन पशु के शारीरिक विकास और दूध उत्पादन के लिए अत्यंत आवश्यक है। एक अच्छा पशु आहार (फीड) कम से कम 20-26% प्रोटीन ( Protein) अवश्य प्रदान करता है।
प्रोटीन की कमी से पशु दुबले होने लगते हैं और उनका प्रजनन चक्र भी प्रभावित होता है।
3. मिनरल मिक्सचर और विटामिन्स का होना अनिवार्य है
पशु के हड्डियों के विकास, प्रजनन क्षमता और दूध की गुणवत्ता के लिए मिनरल्स (जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, जिंक, आयरन, आयोडीन, कॉपर) और विटामिन्स (A, B, C, D, E) आवश्यक हैं।
सिर्फ सूखा चारा या परंपरागत खली देना पशु के लिए पर्याप्त नहीं है। बंधन पशु आहार (feed) जैसे संतुलित पशु आहार (फीड) इन सभी तत्वों को वैज्ञानिक मात्रा में मिलाकर बनाते हैं।
4. पशु आहार (फीड) का सुपाच्य होना जरूरी है
यदि पशु आहार (फीड) पौष्टिक तो है, लेकिन वह पशु के पाचन तंत्र द्वारा ठीक से अवशोषित नहीं हो पा रहा, तो उसका कोई लाभ नहीं। अच्छे पशु आहार (फीड) में फाइबर की मात्रा संतुलित होती है जिससे पशु की भूख, जुगाली और गोबर की स्थिति सामान्य बनी रहती है।
5. पशु आहार (फीड) की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए
कई बार सस्ते या नकली ब्रांड्स के पशु आहार (फीड) में मिट्टी, भूसी या अन्य अपशिष्ट पदार्थ मिला दिए जाते हैं। किसान को यह जांचना चाहिए कि क्या पशु आहार (फीड) बी. आई. एस. BIS मानकों पर खरा उतरता है या नहीं।
HITECH NUTRISOL जैसे ब्रांड हर बैच की गुणवत्ता की प्रयोगशाला में जांच करते हैं ताकि किसान को शुद्ध और प्रभावी फीड (पशु आहार) मिल सके।
6. स्थानीय जलवायु और पशु की नस्ल के अनुसार तैयार किया गया हो
बिहार की जलवायु, माटी और गायों की नस्लें देश के अन्य हिस्सों से अलग हैं। इसलिए यहाँ के पशुओं को वही पशु आहार (फीड) दिया जाना चाहिए जो इन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनाया गया हो।
बंधन पशु आहार (feed) को विशेष रूप से बिहार के पशुओं की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित किया गया है।
7. पशु आहार (फीड) का असर दिखना चाहिए
किसी भी पौष्टिक पशु आहार (फीड) का असर 10-15 दिनों में पशु के शरीर और दूध उत्पादन पर दिखने लगता है।
जैसे:
- दूध की मात्रा में वृद्धि
- दूध की गुणवत्ता में सुधार (जैसे फैट % बढ़ना)
- पशु की चमकदार त्वचा और ऊर्जावान व्यवहार
- गोबर की स्थिति में संतुलन
यदि ऐसा नहीं हो रहा, तो हो सकता है कि पशु आहार (फीड) केवल दिखावे के लिए पौष्टिक हो, असल में नहीं।
डॉ. पवन कुमार की सलाह:
“ पशु आहार (फीड) का चुनाव सोच-समझकर करें। सिर्फ कीमत नहीं, गुणवत्ता को प्राथमिकता दें। पशु की सेहत ही किसान की समृद्धि की असली चाबी है।”
निष्कर्ष
किसी भी पशुपालक किसान के लिए पशु आहार (फीड) सिर्फ खाना नहीं, बल्कि निवेश है। यह निवेश तभी सफल होगा जब आप सही और संतुलित पशु आहार (फीड) का चुनाव करें।
यदि आप बिहार के किसान हैं और सही पशु आहार (feed) की तलाश में हैं, तो बंधन पशु आहार (feed) एक वैज्ञानिक और व्यवहारिक विकल्प है। यह आपके पशुओं को सम्पूर्ण पोषण देकर दूध उत्पादन में वृद्धि करता है और आपको आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है।